26 मार्च 2012
भुवनेश्वर | ओडिशा के गंजाम और कंधमाल जिले से अगवा किए गए दो इतावली पर्यटकों में से एक को छोड़ने के अगले दिन सोमवार को नक्सलियों ने दूसरे इतावली पर्यटक को भी अपनी कैद से आजाद करने के लिए सरकार के समक्ष अपनी मांगें दोहराई, जिनमें जनजातीय इलाकों में विदेशी पर्यटकों को जाने की मनाही भी शामिल है। स्थानीय टेलीविजन चैनल 'ओटीवी' को दिए गए साक्षात्कार में नक्सल नेता सब्यसाची पांडा ने कहा कि दूसरे इतावली नागरिक बोसुस्को पाओलो (54) को तभी छोड़ा जाएगा जब नक्सलियों को लगेगा कि सरकार उनकी मांगों के प्रति गम्भीर है।
पाओलो का स्वास्थ्य अच्छा होने की जानकारी देते हुए पांडा ने आश्वस्त किया कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
'सुनील' उपनाम से जाने जाने वाले पांडा ने कहा कि उनके गिरोह के सदस्यों ने रविवार को इतावली नागरिक क्लाडियो कोलैंजेलो (61) को मानवीय आधार पर समाज के सभी वर्गो की अपील पर सदइच्छा का संकेत देते हुए छोड़ा था।
पांडा के अनुसार, नक्सली एक बंधक को छोड़ कर सकारात्मक संदेश देना चाहते थे। नक्सलियों ने जो भी मांगें रखी हैं, वे सभी जायज हैं।
जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग दोहराते हुए पांडा ने कहा, "चाहे विदेशी हो या भारतीय, किसी को भी जनजातीय क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हमें जनजातीय लोगों के साथ वन्यजीवों, बंदर या चिड़ियाघर में बंद चिम्पैंजी की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए।"
पांडा के अनुसार, "हमने सरकार की उस नीति का पर्दाफाश किया है, जो पर्यटकों को जनजातीय क्षेत्रों में जाने की अनुमति देती है और वे वहां जनजातीय आबादी के साथ वस्तुओं की तरह व्यवहार करते हैं।"
नक्सल नेता ने यह भी कहा कि नक्सली अपनी ओर से हिंसा नहीं कर रहे, बल्कि सरकार इसके लिए मजबूर रही है। पांडा के अनुसार, "सरकार चाहती है कि हम जंगलों में ही रहें, क्योंकि हम गरीबों के लिए लड़ रहे हैं।"
नक्सलियों ने दो इतावली पर्यटकों को 14 मार्च को अगवा किया था। शनिवार तड़के उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका (37) का भी अपहरण कर लिया था। नक्सल नेता पांडा ने हालांकि विधायक के अपहरण में अपने गिरोह के सदस्यों का हाथ होने से इंकार किया।
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